दलित समाज वह वर्ग है जो सदियों के शोषण, अत्याचार और बहिष्कार से टूट चुका है। इस संदर्भ के अनुभव से प्रेरित होकर दलित वर्ग के बुद्धिजीवियों ने यह टीका लिखा है, इसलिए मेरी यह आशा है कि इस टीका को पढ़कर लोगों को सामाजिक न्याय, आजादी और परस्पर बन्धुत्व बढ़ाने के लिए सक्रिय होने की प्रेरणा प्राप्त होगी। इसी आशा के साथ मैं मरकुस रचित सुसमाचार को दलित बाईबिल टीका की श्रृंखला में प्रथम प्रति के संस्करण के लिए परमेश्वर पिता की महिमा तथा अन्याय से पीढ़ित समाज के सभी लोगों के लिए अर्पित कर रहा हूँ। प्रभु की आशीष और अनुग्रह आप सब लोगों के साथ सदा सर्वदा रहे।